मैंने अलसाई सी आंखे खोली है.लेटे-लेटे खिड़की से दूर पहाड़ो को देखा पेड़ो और पहाडियों की श्रंखलाओ के पीछे सूर्य निकलने लगा है, हलकी - हलकी बारिश हो रही है, चिड़िया गा रही है कुछ धुंध भी है जो पहाड़ो से रास्ता बना कर होटल की खिड़की से मेरे कमरे मैं आ रही है . पहाड़ो मैं मेरा बचपन बीता है फिर आज नया क्या है कुछ अलग सा एहसास ये चुपके से कौन आया है मेरे पास पहाड़ो के पीछे से या उस झील की गहराई से जो चाँदी के तारो की तरह चमक रही है, मैं उसे टटोल ही नहीं पा रही हूँ. कौन है जो मन के दरवाजे से दस्तक दे कर चुप खड़ा है, मुझे लगता है मेरा होना न होना होकर रहा गया है मेरी रुह मेरा साथ ऐसे छोड़ रही है जैसे पहाडियों की ऊची चोटी से बर्फ धीरे -धीरे पिघल रही है, मुझे लग रहां है किसी ने मेरा हाथ थाम लिया है मुझे ले चला है झील के किनारे फिर देवदार के घने जंगलो की तरफ . पहली बार इस यात्रा में मैं खुद को महसूस कर पा रही हूँ. मुझे लग रहा है कि नैनीताल की सारी धरती मेरे साथ नाच रही है आकाश नाच रहा है देवदार अन्य पेड़ो के साथ नाच रहे है.
कहते है जब आप प्रेम में जीते है तो हर तरफ फूल ही फूल खिल उठते है चारो और हरियाली छ जाती है और पहले से ही आप हरित प्रदेश में हो तो..... प्रेम फूलो की खुशबू की तरह आपके तन-मन में बहता है . मुझे लग रहा है देवभूमि में किन्ही दो प्रेमियों का मानस- रस सहज ही प्रवाहित हुआ होगा तभी इस भूमि में स्नेह बहता है उसी ने मेरे तन- मन को पागल कर दिया है. नशा, उन्माद, काव्य, नृत्य, गीत हजारो रूपों में अपनी पुरी मौलिकता से मेरे अन्दर प्रस्फुटित हो रहा है. आज अचानक इस देवभूमि में, मैं प्रेम की बात क्यों कर रही हूँ . कौसानी के सन सेट पॉइंट पर बैठी -बैठी मैं सूर्य को पहाडियों के पीछे डूबता देख रही हूँ. ऐसा ही होता है प्रेम भी
जब हम किसी के प्रेम में डूब जाते है तो हमारा जीवन साधारण ऐसा ही सुन्दरतम हो जाता है जैसा कौसानी के सन सेट पॉइंट पर सूर्य डूब रहा है पहाड़िया उसे अपने आगोश में छुपा रही है किसी बाँहे फैलाये प्रेमिका की तरह आज मैं एस सन सेट पॉइंट से दुआ करती हूँ की दुनिया का कोना- कोना प्यार की ख़ुशबू से महक उठे . किसी को किसी से नफरत ना हो, धर्म जाति सबसे ऊपर हो जाये प्रेम . जो प्यार में है प्यार करते है जिनके साथ उनका प्यार है वो इन पंक्तियों को पढ़ कर सहमत होगे उनके लिए प्रेम का अर्थ भी यही है . प्रेम सबसे ऊपर है . वो गुलजार साहब कहते है ना की पांव के नीचे जन्नत तभी होगी जब सर पर इश्क की छाँव होगी .
भवाली का कनचनी मंदिर, अल्मोड़ा , कौसानी, रानीखेत का कलिका मंदिर गोल्फ लिंक, हैदा खान मंदिर नैनीताल का भीम ताल , सात ताल , नौकुचिया ताल, हनुमानगढ़ी, केव गार्डन बर्न पत्थर, वाटर घुमते हुए मुझे लगा की ना जाने कितने जोड़े प्रेम में डूबे हुए इन स्थानों में घुमे होंगे एक दूसरे के असितत्व में अपनी हर ख्वाहिश का रंग घोलते हुए इन मंदिरों, गुफाओं, जंगलो, पहाडियों को अपने प्रेम का स्पर्श करते हुए यंहा से निकले होंगे तभी एस देवभूमि में एक अजीब तरह की मादकता है, नशा, शांति है सम्पूर्णता है मैं महसूस कर रही हूँ उन सब की संवेदना को. कितना सुन्दर कितना सुखद एक पूरे व्यक्तित्व को सम्पूर्ण रूप से अपने अन्दर समाहित करना .
हर वो इंसान जिसे किसी भी रूप में प्यार चाहिए यानी जिन्दगी उसे नैनीताल में हिमालय दर्शन जरूर करना चाहिए दूर हिम श्रंखलाए दिख रही है मानो प्रेम की परिभाषा सिखा रही है कह रही है देखो हम हिम श्रंखलाओ को, हम मुक्त है कभी बंधते बांधते नही हमेशा पिघलते रहते है बस प्रेम भी ऐसा ही है जो मुक्त करता है बंधता नहीं जिसके साथ हम रहते है उसे हम सुख से ही नही भरते बल्कि उसके भीतर के बंद दरवाजो को खोलते भी चलते है. उसके वास्तविक रूपों को साकार करते है जब हम पिघलते है हमारे पिघलने सब साफ होकर साफ-साफ दिखने लगता है . तुम भी ऐसा ही करो जमो नहीं पिघलो किसी के प्यार में तभी प्रेम के चरम को पाओगे. यह उदात्तता नही यह साधना है . हिम श्रंखलाओ से प्रेम का एक नये रूप का परिचय पाकर जब मई लवर्स पॉइंट पहुंची तो ऐसा लगा की किसी ने मेरी रूहों को छुआ है लवर्स पॉइंट भी क्या खूब जगह है आप एक साथ वह पर बैठेगे तो पायेगे जैसे की देह छुट गयी है और आपकी आत्मा एक दुसरो में बध गयी है और ऐसे बध गई है की आप एक दूसरे की संभावनाओ को देख सकते है, उन्हें संवार सकते है. यह पर आकर बुद्धि नहीं दिल की सुनते है दिल में छुपे प्रेम को सुनते है बुद्धि रूपी गणित की नही प्रेम को पाने का द्वार तो प्रेम है गणित नहीं यह आकर ही ये समझ पाते है. आप के प्रेमी या प्रेमिका शरीर से बढकर एक आत्मा है और किसी की आत्मा को दुखाया नहीं करते उनके मन और मस्तिष्क का ख्याल रखिये लवर्स पॉइंट कुछ ऐसा ही मुझे समझा गया और शायद मेरे साथ सारी कायानत को सदियों से समझाता चला आ रहा है तभी नैनीताल की वादियों में प्यार के गीत आज भी गूंजते है और सदियों तक गूंजते रहेगे और ये गूंज आकाश, धरती हर वो जगह फैल जाय जहां ईष्या, अत्याचार, पाखंड , आतंक है, इसी आशा में मैंने अपना सर गाड़ी की सीट पर टिका लिया .
सबके दिलों में ऐसे ही प्यार की ज्योति जलती रहे
नैनीताल की वादियों में प्यार के गीत आज भी गूंजते है और सदियों तक गूंजते रहेगे और ये गूंज आकाश, धरती हर वो जगह फैल जाय जहां ईष्या, अत्याचार, पाखंड , आतंक है, इसी आशा में मैंने अपना सर गाड़ी की सीट पर टिका लिया .
ReplyDelete.
पसंद आया यह अंदाज़. और तसवीरें तो बहुत ही सुंदर है. बिटिया भी बड़ी खुश है. पसंद आया यह अंदाज़. और तसवीरें तो बहुत ही सुंदर है. बिटिया भी बड़ी खुश है. आज किरण कि दुनिया को खुश देख के अच्छा लगा.
अदभुत है किरण की दुनिया ,नैनीताल को शायद अब से पहले किसी ने यूँ नहीं देखा होगा |सच कहती हैं किरण पहाड़ प्रेम सिखाते हैं ,पिघले हुए पहाड़ नदियों में तब्दील हो जाते हैं,प्रेम में भी जरुरी है कि हम तरल हो |अच्छी पोस्ट ,सुन्दर तस्वीरें |इश्वर आपके प्रेम को यूँही पहाड़ों जैसा ऊँचा बनाये |
ReplyDeleteये किसी भी जिन्दगी की बड़ी ही खास तस्वीरें हैं... नैनीताल यात्रा की बधाई।
ReplyDeletebahut sundr chitron ke sath aalekh , badhai
ReplyDeleteनैनीताल की सुरम्य वादियाँ , प्रकृति का मनोरम दृश्य , देव भूमि तपस्थली , गौरी (प्रिय भांजी ) का साथ , मुबारक हो . सुँदर चित्रमय पर्यटन रुचिकर लगा.
ReplyDeletehello... madam main aaj hi apke blog par aayi hu... actuly main kanpur se hu.. main apne blog per ek problem shere ki thi jisse hame yashwant ji ne mujhe apke blog ke baare me bataya.. ki ham aap se baat kar le.. mujhe apki email id nhi pta hai.. plz meri email id senorita.love2@gmail.com hai aur blog link..sushma-aahuti.blogspot.com hai... main aap se contact karna chahti hu... thanku...
ReplyDelete:)....suramya haseen vadiyon ka khubsurat chitran aur saath me khubsurat saath...aur pyare photos..!! kul mila kar ek behatareen abhivyakti..!!
ReplyDeleteGod bless to you and your family!!
my heartiest wishes...
#surmayee
ReplyDeletebahut hi sundar chitra hai yaha par ...baithe baithe ghuma diya apne poora nainital
ReplyDeletebadhaii
सुन्दर आलेख और चित्रावली....
ReplyDeleteसादर...
Sushma ji ke blog par aap ka parichay mila .vastav me bahut sundar post prastut ki hai aapne .badhai .
ReplyDeletenice post.beautiful snaps.
ReplyDeletewaakai...bahut badhiyaa
ReplyDeleteKiran Ji
ReplyDeleteSushma ji ke maadhyam se aapke yahaan aana hua aur sahi kahunga ki aana vyarth nahee raha, aapki kahaani se vaakai mein virtual tour ho gaya pahaadon ka...aapka follower bann gaya hoon to ab aata rahunga, aap bhi darshan dijiyega agar waqt mile to....
http://shayrichawla.blogspot.com/
वाह पहाड़ी वादियों का अच्छा चित्रण , वह भी सचित्र ! बहुत सुन्दर लगा !
ReplyDeletebahut hi badiya.. tasveerein to bahut hi sundar hain.. shukriya share karne ke liye..
ReplyDeleteमेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है : Blind Devotion - सम्पूर्ण प्रेम...(Complete Love)
कल 06/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी-पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत सुन्दर सचित्र चित्रण,
ReplyDeleteआभार,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
डॉ० किरण जी यात्रा की बधाई अच्छी पोस्ट सुन्दर तस्वीरें |बधाई और शुभकामनायें |
ReplyDeleteकल 25/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
प्रेम को कोई व्यक्त नहीं कर सका है बस महसूसा ही जा सकता है ...चित्र बहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteअदभुत है किरण की दुनिया
ReplyDeleteअदभुत---
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