बहती रूकती इस जिन्दगी में कभी हरियाली होती है तो कभी पतझड़ आता है लेकिन जिन्दगी कभी रूकती नहीं. बहती जा रही इस जिन्दगी में कभी प्यार के दीप जलते है तो कभी अँधेरा छा जाता है शायद ऐसे ही अर्थ पता है जीवन हमारे अन्दर कभी- कभी एक तड़प का एहसास होता है कि कोई ऐसा हो जो बिना कहे हमारी कही को समझ ले.इसी खोज में पूरा जीवन बीत जाता है.किसी ने मुझ से कहा था जिन्दगी के सारे माने हमारे भीतर है जो जितना इसे पकड़ लेता है उतना ही जीवन का अर्थ समझ जाता है.नहीं तो हमेशा वो एक छटपटाहट के साथ जीता रहता है.
किरण कोई व्यक्तिवाचक संज्ञा न होकर उन तमाम व्यक्तियों के रोजमर्रा की जद्दोजहद का एक समुच्चय है जिनमे हर समय जीवन सरिता अपनी पूरी ताकत के साथ बहती है। किरण की दुनिया में उन सभी पहलुओं को समेट कर पाठको के समक्ष रखने का प्रयास किया गया है जिससे उनका रोज का सरोकार है। क्योंकि 'किरण' भी उनमे से एक है।
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Tuesday, May 17, 2011
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