Tuesday, December 17, 2013

क्या तू फिर से हमारी दुनिया मे नही आयगी?












तुझे गीता से समझा बाइबिल से जाना
बचपन से पढ़ा  गांधी  से माना
नरेन्द की बातो मे तू  थी
कुरान की आयतो मे तू  थी
टेरेसा तक तू  हमारे साथ थी
मानो कितने  हमारे पास थी
पर हे इंसानिय
हो गई उस दिन तू शर्मसार 
दिसम्बर की थी वो काली रात
अब कभी कभी ही करती   
हम से आंखे दो चार
तू  क्या अब नही सखी बनेगी हमारी
तेरी कितनी कमी खलेगी प्यारी
तुझे सखी कहा है तो छोड  के जाना नही
कोई  गांधी  कोई  जीसस  फिर लाना यही
इस  दुनिया  मे तेरी बहुत जरुरत है
हमसे ही तुझे हमने अलग कर दिया है
पर क्या  तू  फिर से हमारी दुनिया मे नही आयगी
एक बार फिर से माँ  मरियम नही बन पायगी
आ जा आ भी जा हमे तेरी जरुरत है
हर बच्चो को इंसान  बनाने की हसरत  है
इन बच्चो को बेहतर दुनिया दे जा
बस अब अमन  प्यार मुस्कान से इनका दामन भर जा