बाबा राम देव के मुद्दे पर ब्लॉग जगत से ले कर फेस बुक तक तमाम बाते हो रही है कुछ बाबा के साथ है कुछ सरकार के साथ में इस बहस में कि क्या सही और क्या गलत है नहीं पड़ना चाहती पर एक बात सारी मानव जाति से पूछना चाहती हूँ की हम क्या गुलाम युग में जी रहे है हम अपने दिल की आवाज को शांति के साथ लोकतान्त्रिक सरकार के सामने नहीं रख सकते और क्या बात रखने पर हमारे साथ गुलाम युग के जैसा
व्यवहार किया जायगा ? अब समाये आ गया है कि हम अपने व्यवहार पर चिंतन करे क्या हम मानव है या ....? ये घटना किसी सरकार विशेष का मुद्दा नहीं है कि सरकार ने बाबा और उनके समर्थको के साथ क्या किया या बाबा क्या कर रहे थे बात सिर्फ ये है कि जो हो रहा था उसके ऊपर कारवाही का तरीका अमानवीय था सारी मानव जाति को इस पर विचार करना चाहिए हम क्या मानव है ...? विचार करे अगर मानवता जिन्दा है और इस घटना पर अपने विचार व्यक्त करे.
--
--
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteदुखद घटना .....
ReplyDeleteशांतिपूर्वक किए जा रहे प्रदर्शन/अनशन पर पुलिस बर्बरता लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है, सरकार हड़बड़ाना गई लगता है।
ReplyDeleteकिरण जी, मुझे तो लगता है कि हम सचमुच गुलाम युग में ही जी रहे हैं, जहां किसी को सच बात कहने का अधिकार नहीं है। आए दिन के न्यूज पेपर इस बात के गवाह हैं।
ReplyDelete---------
मेरे ख़ुदा मुझे जीने का वो सलीक़ा दे...
मेरे द्वारे बहुत पुराना, पेड़ खड़ा है पीपल का।
badhiya lekh....bahad sharmnaak ghatna hai.
ReplyDeleteमैंने भी TV पर देखा. बाबा जी के साथ जो भी हुआ, गलत हुआ.
ReplyDelete___________________
'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!
विचारों में भिन्नता हो सकती है और हमेशा रहेगी ,पर विचारों दमन का ये तरीका बेहद शर्मनाक था ......
ReplyDelete