किरण कोई व्यक्तिवाचक संज्ञा न होकर उन तमाम व्यक्तियों के रोजमर्रा की जद्दोजहद का एक समुच्चय है जिनमे हर समय जीवन सरिता अपनी पूरी ताकत के साथ बहती है। किरण की दुनिया में उन सभी पहलुओं को समेट कर पाठको के समक्ष रखने का प्रयास किया गया है जिससे उनका रोज का सरोकार है। क्योंकि 'किरण' भी उनमे से एक है।
Saturday, November 21, 2020
हिन्दी कविता: कोहरा - Sansar News- Online for Global Nepali
हिन्दी कविता: कोहरा - Sansar News- Online for Global Nepali: हर बार बांची जाती है कोहरे की रति गाथा जिसमे होती है महर्षि पराशर और काली की कहानी जिसे सुनकर प्रेम बन के कोहरा लिपटता है आगोश में नर्म कोहरे में खोते खुद से खुद को जोड़ते धुंध में धुआं धुआं होते अपने में जलते बुझते रचते है प्रेमी प्रेम कहानी लेकिन इससे इतर है …
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
धरती को चूमने के हजारों तरीके है सारी व्याख्याएं खत्म हुई दिल का ताप बड़ा मेरे दिल मे छिपे तारे ने सातो दिशाएं रोशन की ...
-
प्रत्यक्ष अस्तित्व की आंतरिक गतिविधियों का परिणाम यह मेरा पहला काव्य- संग्रह है। ब्रह्मांड का घोषणा- पत्र एक संकेत है ऋत को जानने का जिसके ...
-
हिंदी कविता को एक नई भावभूमि और चेतना के उच्च धरातल पर प्रतिष्ठित करनेवाली कवयित्री डॉ किरण मिश्र की चेतना प्रवाह शैली में लिखी कविताओं में...
-
ज़िन्दगी एक सोपान और कुछ नियति सी, कुछ अनसुलझे प्रशन सी कुछ उलझे से उत्तर सी. ज़िंदगी एक गहरी उदासी सी, और निरूद्देश जीवन ...
-
हवा में ठंडक है शायद गांव में कांस फूला है आज धूप का मिजाज़ किसी प्रेमिका सा है जो बार-बार छत पर आती जाती है इंतजारे इश्क में । बाहर हल्का...
कोहरे की गाथा ....अति सुंदर ।
ReplyDelete