Saturday, September 6, 2014

पति -पत्नी आनंदोत्सव

जीवन पति -पत्नी का 
नहीं चलता ये एक सीधी रेखा में 

हमारे और तुम्हारे बीच 
वाचा के उग्रबाण होते है 

जो रूपांतरित होते है 
ये रूपांतरण हमेशा धनात्मक होता है

भरता है हमें 
एकात्मकता व आनंदोत्सव में 

प्रेम को प्रखर करता है 
तरंग -आवृत में स्पंदन 
बदल देता है आनंदोत्सव वसंतोत्सव में 
आनंदोत्सव वसंतोत्सव में 




3 comments:

  1. एकात्मकता व आनंदोत्सव में
    ..सच इसी से गाडी पटरी पर बराबर चलती हैं ..संतुलन जरुरी है
    बहुत बढ़िया

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  2. वाह ... बहुत बढिया

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