Wednesday, December 14, 2011

कोई लाकर मुझे दे -------

एक छोटी सी बच्ची ने मुझ से पूछा क्या आप का ये लेपटाप कही भी संदेश पहुचा सकता है ? हैं मेरा उत्तर था हैं उसने एक कागज का टुकड़ा जो कुछ पुराना और मुड़ा हुआ था मेरी टेबिल पर रख दिया  देखिये उसमे क्या लिखा  था ......
कोई लाकर मुझे दे --------
कुछ रंग भरे फूल,
 कुछ खट्टे मीठे फल
थोड़ी बांसुरी की धुन
 थोडा जमुना का जल
कोई लाकर मुझे दे
 एक सोने जड़ा दिन
 एक रूपों भरी रात
एक फूलो भरा गीत
 एक गीतों भरी बात
 कोई लाके मुझे दे
 एक टुकड़ा छाव  का
 एक धुप की घडी
  एक बदलो का कोट
 एक धुप की छड़ी
 कोई लाके मुझे दे
 एक छुटी वाला दिन
 एक अच्छी सी किताब
 एक मीठा सा सवाल
 एक नन्ना सा जवाब
 कोई लाकर मुझे दे
इस कविता के अंत में लिखा था भगवन जी ये सब अगर नहीं दे सकते तो हम बच्चो की दुनिया बड़ो से अलग
कर दो बड़े तो हमेशा लड़ते रहते है  ......