किरण कोई व्यक्तिवाचक संज्ञा न होकर उन तमाम व्यक्तियों के रोजमर्रा की जद्दोजहद का एक समुच्चय है जिनमे हर समय जीवन सरिता अपनी पूरी ताकत के साथ बहती है। किरण की दुनिया में उन सभी पहलुओं को समेट कर पाठको के समक्ष रखने का प्रयास किया गया है जिससे उनका रोज का सरोकार है। क्योंकि 'किरण' भी उनमे से एक है।
Monday, March 27, 2017
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
ज़िन्दगी एक सोपान और कुछ नियति सी, कुछ अनसुलझे प्रशन सी कुछ उलझे से उत्तर सी. ज़िंदगी एक गहरी उदासी सी, और निरूद्देश जीवन ...
-
प्रत्यक्ष अस्तित्व की आंतरिक गतिविधियों का परिणाम यह मेरा पहला काव्य- संग्रह है। ब्रह्मांड का घोषणा- पत्र एक संकेत है ऋत को जानने का जिसके ...
-
मुझे भी साधना के पथ पर चलना सिखा दो तुम , मेरे " मैं " को मेरे मन से हटा दो तुम मैं अब इस संसार में रुकना नहीं चाह रही हूँ , ...
-
हवा में ठंडक है शायद गांव में कांस फूला है आज धूप का मिजाज़ किसी प्रेमिका सा है जो बार-बार छत पर आती जाती है इंतजारे इश्क में । बाहर हल्का...
-
मैंने अलसाई सी आंखे खोली है.लेटे-लेटे खिड़की से दूर पहाड़ो को देखा पेड़ो और पहाडियों की श्रंखलाओ के पीछे सूर्य निकलने लगा है, हलकी - हलकी...
No comments:
Post a Comment