चेहरे की किताब से
आ जाते है न जाने कितने चेहरे
देने सन्देश
महान आत्माओं के
बन जाते है एक साथ
बुद्ध,महावीर और ईश
ज्ञान बाटते बाटते
एक दिन
दबी कामनाएं उतर आती है मन से
फिर करते है बातें
शब्दकोश से बाहर के शब्दों से
ये पुरुष है आभासी दुनियां के
स्त्री बन
बन जाते है मीत
दमित कामनाओं की
बंदिशों के पार जाने को।
आ जाते है न जाने कितने चेहरे
देने सन्देश
महान आत्माओं के
बन जाते है एक साथ
बुद्ध,महावीर और ईश
ज्ञान बाटते बाटते
एक दिन
दबी कामनाएं उतर आती है मन से
फिर करते है बातें
शब्दकोश से बाहर के शब्दों से
ये पुरुष है आभासी दुनियां के
स्त्री बन
बन जाते है मीत
दमित कामनाओं की
बंदिशों के पार जाने को।
पहली बार आना हुआ यहाँ...आभासी दुनिया के स्वभाव को बहुत गहराई से चित्रित किया है...
ReplyDeleteधन्यवाद शिवम् जी
ReplyDeleteधन्यवाद शिवम् जी
ReplyDeleteस्वागत एवं आभार मीनाक्षी जी।
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