Tuesday, October 22, 2024

 हिंदी कविता को एक नई भावभूमि और चेतना के उच्च धरातल पर प्रतिष्ठित करनेवाली कवयित्री डॉ किरण मिश्र की चेतना प्रवाह शैली में लिखी कविताओं में मानवी चेतना की विरलतम अनुभूतियों के दर्शन होते हैं। ब्रह्मांड, ब्रह्म और जीव के पारस्परिक संबंधों और उसके रहस्यों को जानने बूझने की अद्भुत गहन चेष्टा इन कविताओं में दिख पड़ती है। अगर आपने उपनिषदों का अवगाहन किया है , भारतीय दार्शनिक तत्वों के विवेचन और मनन में आपको रुचि है तो किरण मिश्र की कविताओं का संसार आपकी अगुवानी में खड़ा मिलेगा। इन कविताओं से होकर गुजरने और उनपर समीक्षात्मक आलेख लिखना एक चुनौती की तरह था लेकिन वे कविताएं ही क्या जो आपके चिंतन , मनन को चुनौती न दें, जो आपको और पढ़ने और जानने के लिए न उकसाएं, जो कुछ दिनों के लिए आपको एक अलग  दूसरी दुनिया में रमने के लिए न  ले जाएं ? बहरकैफ  विजय राय सर और शशिभूषण मिश्र के श्रम साध्य  संपादन में प्रकाशित "लमही" के ताजे अंक में डॉ किरण मिश्र की कविताई को समझने का अकींचन प्रयास आप सुधी पाठकों हेतु द्रष्टव्य है।

अनिल अनलहतु

Thursday, February 29, 2024

ब्रह्माण्ड का घोषणा - पत्र एवं अन्य कविताएँ

 प्रत्यक्ष अस्तित्व की आंतरिक गतिविधियों का परिणाम यह मेरा पहला काव्य- संग्रह है। ब्रह्मांड का घोषणा- पत्र एक संकेत है ऋत को जानने का जिसके माध्यम से हम दैनिक जीवन में नियमबद्ध होते हैं। प्रचलित के अलावा भी एक चलित तत्त्व  इस ब्रह्माण्ड में है जिसकी खोज सतत चलती रही उसी पथ पर खड़े होकर मैंने कुछ लिखने का प्रयास किया है, आशा करती हूँ इस लोक रचना की संतृप्ति का सुख आप सब को भी मिलेगा।


पुस्तक के इतने  सुंदर और अर्थयुक्त आवरण पृष्ठ को आज महाष्टमी के दिन लाने के लिए श्री केशव मोहन पांडेय जी का हार्दिक आभार।


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