Monday, July 28, 2014

एक बहन का पत्र नरेंद भाई के नाम

सपनो के सौदागर भाई नरेंद मोदी जी ,

आप काफी प्रभावशाली तरह से लोगो को सपने बाटे किसी को अमन का सपना किसी को महगाई कम करने का किसी को नौकरी का किसी को सहरद की सुरक्षा का। हम भोली जनत्ता ने आप के सपनो को खरीद तो लिया पर हम आप से उसे सच करने का एक और सपना नहीं ले पायेगे शायद क्या वो सपना आप हमें नहीं देंगे......?   लोगों में शिकायत है कि दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला कठपुतली मात्र बन कर रह जाता है। हमने इतिहास में तुर्कों मुगलों के बहादुर शाह जफ़र टाइप से लेकर अंग्रेजों के वायसराय होते हुए डॉ मनमोहन तक के शासक देखें जिनके मुंह में जबान नहीं हुआ करती थी। 

माना कि आप प्रशासन को चुस्त दुरुस्त करने में लगे हुए हैं और सोशल साइट्स के माध्यम से अपनी बात रख रहें हैं। नगरों की ३० प्रतिशत जनता उसे देख रही है किन्तु ७० प्रतिशत जनता गांवों में है जो आपके ट्विटर और फेसबुक को नहीं पढ़ सकती। वह तो चौपाल लगाती जिसमे रेडिओ चलता है। चुनावो के दौरान सिंह गर्जना सुनने को आदी बनाने वाले हे मौन मोहन सिंह के वारिस जो १० साल से "कम्युनिकेशन गैप" की परम्परा थी कम से कम उसे जारी रखने के लिए वोट नही दिया गया था। आज हर जगह सौगंध मुझे इस मिटटी वाले गीत(जो कि एक करोड़ पति भाट ने पईसे लेकर लिखा होगा ) की जगह एक गांव जवार के कवि (नाम याद नहीं आ रहा ) की पंक्तियाँ हवाओं में तैर रही हैं। इस हवा को महसूस करिये। ये उसी भारत की अवाम की आवाज है जिसने आपकी दहाड़ में अपने स्वाभिमान की गूँज सुनी थी। आज उसे वो आवाज सुनायी नहीं दे रही है। उसे अपनी आवाज वापस चाहिए। उसे आश्वस्ति चाहिए जो उसे पूर्व में " भाइयों बहनों" को सुनकर होती थी। हमें आप पर पूरा भरोसा है। पूरा समर्थन है। हम सब कुछ बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन १० साला परम्परा के वारिस बनने से इंकार करते हैं। 
सपनो को हकीकत में बदलने की कोशिश जल्दी कीजिये ऐसा न हो कि हमारा भरोसा आप से उठने लगे और फिर हम किसी और का सपना खरीदने निकल पड़े  क्योकि सपने खरीदना हमारी मजबूरी है। 
सावन में इतनी सौगात तो एक बहन को मिलेगी ही न इसी आशा के साथ 
 आप की बहन 'किरण'आप की प्यारी जनता की आवाज के साथ एक बहन का पत्र नरेंद भाई के नाम 

1 comment:

  1. जनता तो सपने देखने के लिए ही है .....

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