किरण कोई व्यक्तिवाचक संज्ञा न होकर उन तमाम व्यक्तियों के रोजमर्रा की जद्दोजहद का एक समुच्चय है जिनमे हर समय जीवन सरिता अपनी पूरी ताकत के साथ बहती है। किरण की दुनिया में उन सभी पहलुओं को समेट कर पाठको के समक्ष रखने का प्रयास किया गया है जिससे उनका रोज का सरोकार है। क्योंकि 'किरण' भी उनमे से एक है।
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मैंने अलसाई सी आंखे खोली है.लेटे-लेटे खिड़की से दूर पहाड़ो को देखा पेड़ो और पहाडियों की श्रंखलाओ के पीछे सूर्य निकलने लगा है, हलकी - हलकी...
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बहती रूकती इस जिन्दगी में कभी हरियाली होती है तो कभी पतझड़ आता है लेकिन जिन्दगी कभी रूकती नहीं. बहती जा रही इस जिन्दगी में कभी प्यार के दीप...
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हर साल की तरह दसवी बारहवी के परीक्षा परिणाम आ गए है . ज्यादातर वर्षो की तरह लडकियों ने ही बाजी मारी है. अपने घर के व अपने छोटे मोटे कामो...
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मुझे भी साधना के पथ पर चलना सिखा दो तुम , मेरे " मैं " को मेरे मन से हटा दो तुम मैं अब इस संसार में रुकना नहीं चाह रही हूँ , ...
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मन का अंधकार ले साहित्य का अंधकार दूर करने निकले अपने- अपने विचार को सर्वोत्तम बताते एक मीडिया मंच पर लड़ते धाराओं के साहित्यकार आत्मचेतना औ...